Sachin Pilot Wikipedia Biography, Net Worth, Age, Wife, Cast, Wiki, Family In Hindi
दोस्तों राजस्थान की राजनीति में एक ऐसा चमकता हुआ नाम जिसके बिना मौजूदा दौर में राजस्थान की सियासत अधूरा लगता है। एक ऐसा सितारा जिसका नाम देश के सबसे कम उम्र में सांसद बनकर संसद पहुँचने का खिताब हासिल है और बहुत ही कम उम्र में एक सफल केंद्रीय मंत्री के तौर पर भी पहचान बनाने का खास रिकॉर्ड है।
सचिन पायलट कौन है? Who Is Sachin Pilot In Hindi
अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कौन हो सकता है? ऐसे होनहार और युवा नेता का नाम राजेश पायलट के बेटे सचिन पायलट है। आज के मौजूदा दौर में सचिन पायलट कौन है ये हर एक राजनीति से जुड़ा आदमी जानता है। लेकिन उनके जीवन काल में एक ऐसा भी वक्त था, जब इनको दिग्गज नेता राजेश पायलट के बेटे होने के नाते खुद को साबित करना भी बड़ी चुनौती थी।
वैसे कहा जाता है कि एक नामचीन पिता के सामने बेटे को खुद को साबित करने के लिए उनसे भी अधिक मेहनत करना पड़ता है और सफल होकर दिखाना होता है। ठीक यहीं चुनौती सचिन पायलट के पास भी थी।
ऐसे में सचिन कैसे जमीन से उठकर पूरे देश में अपने नाम का परचम लहराया है आइये इस अनसुने तथ्य को सचिन पायलट की जीवनी के माध्यम से पूरी विस्तार से जानते हैं।
सचिन पायलट की जीवनी | Sachin Pilot Biography in Hindi
Sachin Pilot Biography In Hindi |
आज के समय में सचिन पायलट की गिनती राजस्थान के दिग्गज नेताओं में होती है। लेकिन क्या आपको पता है कि सचिन पायलट का जन्म राजस्थान में नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हुआ था। जी हाँ ये बिल्कुल सत्य है।
सचिन पायलट का जन्म 7 दिसम्बर 1977 को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में कांग्रेस के दिग्गज नेता राजेश पायलट के घर हुआ था।
परिवार में इन सबके अलावा इनकी एक बहन भी है। जिनका नाम सारिका पायलट है। लेकिन उनकी पहचान एक राजनीतिक हस्तियों से नहीं बल्कि एक सफल बिजनेस वीमेन के रूप में होती है। सचिन पायलट का प्रारंभिक जीवन राजनीतिक हस्तियों के बीच में बिता।
सचिन पायलट का जीवन परिचय | Sachin Pilot Wiki, Biography, Salary
पूरा नाम- सचिन पायलट
निकनेम- सचिन
जन्म/Date Of Birth- 7 सितंबर 1977
जन्मस्थान- सहारनपुर, उत्तर प्रदेश
उम्र/Age- 43 (2020 के अनुसार)
हाइट- 5 फिट 10 इंच
डिग्री- पोस्ट ग्रेजुएट
प्रोफेशन- कांग्रेस नेता
पद- पूर्व उपमुख्यमंत्री, सांसद, प्रदेश कमेटी अध्यक्ष
राजनीतिक पार्टी- कांग्रेस
पसंदीदा नेता- महात्मा गांधी
जाती/Caste- गुर्जर
धर्म/Religion- हिन्दू
राष्ट्रीयता- भारतीय
सचिन पायलट का परिवार (Family)
पिता का नाम- राजेश पायलट
माता का नाम- रमा पायलट
बहन का नाम- सारिका पायलट
वाइफ- सारा पायलट (फारुख अब्दुल्ला की बेटी)
बेटे का नाम- आरन पायलट और विहान पायलट
सचिन पायलट की शिक्षा | Sachin Pilot Qualification
सचिन पायलट की प्रारंभिक शिक्षा एयरफोर्स बल्कि भारती स्कूल दिल्ली में पूरी हुई। प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद सचिन ने स्नातक की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज से पूरी की।
इसके बाद I.M.T. गाजियाबाद से मार्केटिंग में डिप्लोमा किया है। जिसके बाद इन्होंने व्हार्टन स्कूल ऑफ यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिल्वेनिया से एमबीए की डिग्री हासिल की।
Sachin Pilot Love Story In Hindi | सचिन पायलट वाइफ
Sachin Pilot Love Story |
दोस्तों सचिन पायलट के शादी का किस्सा उनके राजनीतिक जीवन जितना ही मजेदार है। कहा जाता है कि सचिन के लिए 15 जनवरी के दिन बेहद खास है, क्योंकि इसी दिन इन्होंने समाज की सारी बेड़ियों को तोड़ते हुए जम्मू कश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला की बेटी सारा अब्दुल्ला से शादी कर ली थी।
फिल्मी कहानियों की तरह सचिन और सारा ने धर्म, जाती और समाज की बेड़ियों को तोड़कर एक-दूसरे का हो जाना इनके लिए इतना आसान नहीं था।
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साल 2004 में मकर संक्रांति बीतने के बाद दिल्ली के कैनिंग लेन में गहमागहमी जोरों पर थी। इसका मुख्य वजह था, अगले दिन यानी 15 जनवरी को एक ऐसा शादी होने वाला था जिसका गूंज पूरी राजनीतिक गलियारों तक था।
15 जनवरी 2004 को धौंसा से कांग्रेस सांसद और सचिन की माँ रमा पायलट के घर पर सचिन पायलट और सारा अब्दुल्ला ने शादी के बंधन में बंध गए।
सारा के परिवार की तरफ से कोई शामिल नहीं हुआ था क्योंकि पिता फारुख अब्दुल्ला लंदन में थे तो भाई उमर अब्दुल्ला अपेंडिसाइटिस के इलाज के लिए दिल्ली के बत्रा हॉस्पिटल में भर्ती थी। इस शादी के लिए अब्दुल्ला परिवार बिल्कुल भी राजी नहीं था।
जिस देश में धर्म और जाति के नाम पर तलवार निकल जाते हैं, ऐसे में इस शादी को लेकर भी कई तरह के बातें हुई। इसका सबसे बड़ा कारण लड़का हिन्दू और लड़की मुस्लिम थी। लेकिन इन दोनों ने समाज की हर बेड़ियों को तोड़कर शादी कर लिया।
इन दोनों की शादी किसी फिल्मी दुनिया से कम नहीं है। कोई इस शादी को प्यार का मिशाल देता है तो कोई मजहबी विवाद। आपको इनके वैवाहिक जीवन को जानकर तो काफी अच्छा लगा होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दोनों का लव स्टोरी कैसे शुरू हुई थी।
चलिए हम आपको बताते हैं। दरअसल सचिन पायलट और अब्दुल्ला परिवार में पहले से दोस्ताना सम्बंध थे। इसलिए एक-दूसरे के घर आना-जाना लगा रहता था। इस तरह ये दोनों एक-दूसरे को बचपन से जानते थे।
शादी से पहले ये दोनों लंदन में थे। जहाँ इन दोनों की मुलाकात किसी पारिवारिक कार्यक्रम में हुआ था। इस मुलाकात के बाद ये दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे थे। दोनों के बीच नजदीकियां भी बढ़ने लगी थी।
पढ़ाई खत्म करने के बाद सचिन भारत लौट आये थे, जबकि सारा अभी भी पढ़ाई के लिए लंदन में ही थी। दूर होने के बावजूद भी इन दोनों ने एक-दूसरे से फोन से बात करना नहीं छोड़ा। बात अब शादी तक पहुँच चुकी थी।
सचिन किसी तरह अपने परिवार को मनाने में कामयाब हो गए लेकिन सारा के परिवार वालों ने साफ मना कर दिया था। हालांकि सचिन पायलट को अब्दुल्ला परिवार में पसंद किया जाता था लेकिन शादी नहीं करना चाहते थे।
जिसके बाद इन दोनों फारुख अब्दुल्ला की गैरमौजूदगी में इन दोनों ने दिल्ली में शादी कर ली। आज इन दोनों की शादी के लगभग 17 साल हो गए हैं और ये दोनों हर समय एक-दूसरे का साथ रहकर खुश है।
समय बीतने के साथ अब्दुल्ला परिवार का इनके प्रति कड़वाहट खत्म होने लगी थी। जिसके बाद फारुख अब्दुल्ला ने कई बार सचिन के साथ मंचों पर भी नजर आए।
सचिन पायलट का राजनीतिक करियर | Sachin Pilot Success Story In Hindi
पढ़ाई पूरी करने के बाद सचिन पायलट ने मल्टी नेशनल कम्पनी में लगभग दो साल तक काम किया। लेकिन सन 2000 में पिता राजेश पायलट के निधन के बाद अपने पीछे छोड़ गए राजनीतिक विरासत को संभालने की जिम्मेदारी सचिन पर ही आ गयी थी।
कहते हैं कि सचिन पायलट का राजस्थान की राजनीति में प्रवेश उतना अच्छा नहीं रहा। एक तरफ सड़क दुर्घटना में पिता की मृत्यु तो दूसरी तरफ राजस्थान में गुर्जर नेता की कमी। जाटों को आरक्षण मिलने के बाद अन्य जाती भी आरक्षण की मांग करने लगी थी।
ऐसे तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने बहुत बड़ी संकट खड़ा था क्योंकि राजेश पायलट के बाद गुर्जर जाती को संभालने वाला कोई बड़ा नेता नहीं था।
ऐसे में सचिन पायलट का राजस्थान की राजनीति में आगमन किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं था।
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पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए राजनीति के बुलंदियों को छूना किसी सपने के सच होने से कम नहीं होता है। विरासत के मिली राजनीति के राह को चुनकर सचिन पायलट ने जो मुकाम हासिल किया है इसका पूरा श्रेय उन्हीं को जाता है।
कम उम्र में पिता का आकस्मिक निधन ने सचिन को कम उम्र में ही काफी आत्मविश्वासी बना दिया। जिसका नतीजा हुआ कि सचिन पायलट देश के सबसे कम उम्र में संसद जाने वाले नेता बनें।
विरासत में मिली राजनीति सफल कुर्सी को संभाल पाना सबके लिए आसान नहीं होता है। लेकिन सचिन पायलट ने न सिर्फ राजनीति के शिखर तक पहुँचे बल्कि अपने पिता के नाम को और आगे तक बढ़ाया।
आपको बता दें कि सचिन पायलट का सबसे कम उम्र के प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। बचपन में पिता राजेश पायलट के चुनावी रैलियों में सचिन और उनकी बहन सारिका भी जाति थी। जहाँ वे अपने पिता के लिए वोट मांगा करते थे।
बचपन में राजनीति से उनकी इस छोटी सी पारी के शुरुआत से किसी को भी अंदाजा नहीं था कि एक दिन देश के सबसे बड़े पंचायत धौंसा का प्रतिनिधित्व करेंगे।
2004 में धौंसा से अपना पहला चुनाव लड़े जहाँ उनको बहुमत प्राप्त हुआ और पहली बार में ही 26 वर्ष की उम्र में देश के सबसे युवा सांसद बनकर संसद पहुँचे। इस चुनाव में उनकी पत्नी सारा ने भी गली-गली घूमकर अपने पति के लिए वोट मांगा था। इसके बाद 2009 में सचिन ने अजमेर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया। जहाँ उनको काफी अधिक वोटों से जीत हासिल हुई।
दुबारा चुनाव जीतने के बाद पायलट को मनमोहन सिंह सरकार में इनको कॉरपोरेट अफेयर्स का राज्यमंत्री बनाया गया। लेकिन 2014 लोकसभा चुनाव में सचिन अपना सीट बचाने में नाकामयाब रहे। जहाँ बीजेपी ने पूरे राजस्थान की लोकसभा सीटों पर कब्जा कर लिया था और नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाया गया था।
2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद सचिन पायलट के कंधे पर दुबारा सत्ता में लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस दौरान इनका मुकाबला तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से सीधे था।
पार्टी को मजबूत करने के लिए सचिन सड़कों पर उतरे। जहाँ उनको लाठियां भी खानी पड़ी। लेकिन 2018 में दुबारा पार्टी को राजस्थान की सत्ता में वापस लाने में सफल रहे।
इस जीत के बाद सचिन का कद पार्टी में और बढ़ गया। जहाँ उनको कमेटी अध्यक्ष के साथ-साथ प्रदेश का उपमुख्यमंत्री भी बनाया गया।
राजनीति में एक युवा नेता के रूप में प्रवेश करने से लेकर राजस्थान के उपमुख्यमंत्री बनने तक सचिन पायलट का सफर इतना भी आसान नहीं रहा था।
मौजूदा दौर में कांग्रेस के सबसे युवा नेताओं के लिस्ट में सचिन पायलट का नाम सबसे पहले आता है। कहा जाता है कि सचिन पायलट राहुल गांधी के बेहद करीबी माने जाते हैं। इसका सबसे खास वजह है कि ये दोनों एक ही पीढ़ी के नेता है।
आज के समय में सचिन जैसे युवा दिग्गज नेता की मांग न केवल राजस्थान में है बल्कि पूरे देश में भी है।
सचिन पायलट अशोक गहलोत ताजा खबर इन हिंदी
पिछले कुछ समय से राजस्थान में राजनीतिक हलचल ने पूरे देश में सचिन पायलट को चर्चा में ला दिया। इस हलचल में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता होते हुये भी एक दूसरे के विरोधी नजर आ रहे हैं।
एक तरफ सचिन पायलट तो दूसरी तरफ अशोक गहलोत। सचिन के समर्थक उनको मुख्यमंत्री देखना चाहते थे और गहलोत के समर्थक उनको।
इस प्रकार ये कलह अपनी चरम सीमा पर पहुँच गया और आंतरिक मतभेद खुलकर सामने आई। इस दौरान सचिन अपने समर्थित विधायकों के साथ राजस्थान छोड़कर हरियाणा आ गए। जिसके बाद इनपर आरोप लगाया गया कि सचिन पायलट ने बीजेपी से हाथ मिला लिया है।
ये गतिरोध लगभग एक महीने तक चलता रहा। इसके बाद पार्टी के बड़े नेताओं के हस्तक्षेप के बाद दोनों के बीच मतभेद खत्म हुआ। लेकिन इसके बाद इनको अपने प्रदेश कमेटी अध्यक्ष पद और उपमुख्यमंत्री पद गंवाना पड़ा।
अभी हाल ही में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच जारी मनमुटाव फिर से सामने आया है। फिर से पार्टी के बीच भारी गतिरोध देखने को मिल रहा है। सचिन ने कांग्रेस के केंद्रीय समिति से बातचीत करने की भी कोशिश की। उनका कहना है कि पार्टी में छिड़ी हुई गतिरोध को जल्द से जल्द आलाकमान के द्वारा दूर करना चाहिए।
लेकिन इसके बाद सचिन के लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आयी और अब भी राजस्थान कांग्रेस के सबसे बड़े नेता के रूप में इनकी पहचान होती है।
पार्टी कार्यकर्ताओं का मानना है कि इनके अंदर मुख्यमंत्री बनने का हर गुण मौजूद है। इसलिए इनको ये पद जरूर देना चाहिए।
हाल ही में कांग्रेस की हुई बैठक में सचिन पायलट को एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। ऐसे में ये तय माना जा रहा है कि अशोक गहलोत को सचिन पायलट इस सियासी उठापटक में मात देने में सफल हो चुके हैं।
Sachin Pilot Net Worth
दोस्तों जैसा कि आपको पता होगा कि हर चुनाव से पहले उम्मीदवार को अपनी सम्पति का ब्यौरा देना पड़ता है।2018 में विधानसभा चुनाव में दिए हलफनामे में सचिन पायलट ने हलफनामे में अपनी सम्पति का ब्यौरा चुनाव आयोग को देते हुए कहा था कि इनका नेट वर्थ 5.39 करोड़ रुपये है।
FAQ About Sachin Pilot
हमें उम्मीद है कि आपको Sachin Pilot Biography In Hindi काफी पसंद आया होगा। आपको सचिन पायलट की जीवनी कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं धन्यवाद।
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