कॉर्ड ब्लड स्टेम सेल्स क्या होता है, ट्रांसप्लांट, खर्च, कॉर्ड ब्लड बैंकिंग की पूरी जानकारी | Cord Blood Meaning In Hindi, Stem Cells, Cost in India, Use, Banking in india, Transplant Complete Details In Hindi
जैसा कि हम जानते हैं कि गर्भ में पल रहा शिशु माता के साथ गर्भनाल (Umbilical Cord) द्वारा जुड़ा रहता है। इसी गर्भनाल के द्वारा ही शिशु का पोषण होता है।
क्या आप जानते हैं कि स्टेम सेल के द्वारा इंसान के 80 से भी अधिक बीमारियों का इलाज संभव है। इन बीमारियों में कैंसर जैसी घातक बीमारी से लेकर blood disorder तक की बीमारी शामिल है।
एक स्टेम सेल में इतनी ताकत होती है कि अगर अपने बच्चे के स्टेम सेल को सुरक्षित रख देंगे तो आप अपने बच्चे को स्वस्थ जीवन उपहार में दे सकते हैं। नवजात शिशु के गर्भनाल और प्लेसेंटा में बचे हुए रक्त अर्थात Cord blood को इकट्ठा करके रखा जाता है, ताकि इस रक्त का इस्तेमाल भविष्य में कई सारी बीमारी के इलाज में उपयोग किया जा सके।
अभी आपके मन में एक सवाल जरूर आया होगा कि Cord blood क्या होता है, इसका use कैसे किया जाता है? आइये cord blood से जुड़े सभी सवाल का जवाब विस्तार से जानते हैं।
Cord Blood (गर्भनाल रक्त) क्या होता हैं | What is Cord Blood in Hindi?
बच्चे के जन्म के बाद Placenta और Umbilical Cord में जो रक्त (Blood) जमा रहता है, उसे ही Cord Blood कहा जाता है। गर्भनाल में जमा खून बिल्कुल सामान्य खून की तरह ही होता है, लेकिन इसमें स्टेम सेल (Stem Cell) बहुत ज्यादा पाए जाते हैं।
इस रक्त को पिछले कुछ समय तक बेकार समझकर फेंक दिया जाता था, लेकिन हाल के वर्षों में डॉक्टरों ने ये पता लगाया है कि इसका उपयोग संभावित चिकित्सीय उपचार में किया जा सकता है।
गर्भनाल में जमा रक्त (Cord Blood) में बहुत ही अधिक मात्रा में महत्वपूर्ण जीवनरक्षक कोशिकायें पाई जाती है। इन्हीं कोशिकाओं को Stem Cells कहा जाता है।
एक अध्ययन के अनुसार डॉक्टरों का कहना है कि रक्त सम्बंधी 80 से भी अधिक रोगों का इलाज इन गर्भनाल में जमा रक्त (Umbilical Code Blood) से किया जा सकता है।
इस cord blood का इस्तेमाल कैंसर, रक्त् विकार और इम्यून डेफिशिएंसी जैसी घातक बीमारियों के उपचार के लिए लिए किया जा सकता है। शिशु को कुछ ऐसे जन्मजात रोग होते हैं, जिनका इलाज इनके खुद के स्टेम सेल से नहीं किया जा सकता है।
ऐसी स्थिति में किसी दूसरे के स्वस्थ स्टेम सेल का उपयोग जाता है और आपके शिशु का इलाज कर पूर्ण रूप से रोगमुक्त किया जा सकता है। इसलिए अगर आप अपने शिशु को बेहतर स्वास्थ्य देना चाहते हैं तो cord blood का सही इस्तेमाल जरूर करें।
पूरी दुनिया में कॉर्ड ब्लड बैंकिंग (cord blood banking) काफी लोकप्रिय हो रहा है, लेकिन भारत में अभी भी इसको लेकर जागरूकता काफी कम है। अभी आप सोच रहे होंगे कि cord blood banking क्या होता है? तो आइए इसके बारे में भी जान लेते हैं।
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काॅर्ड ब्लड बैंकिंग क्या होता है | What Is Cord Blood Banking In Hindi
Cord Blood |
आपने देखा होगा कि शिशु के जन्म के बाद, अपरा (placenta), गर्भनाल (umbilical ford) और गर्भनाल रक्त (code blood) को फेंक दिया जाता है। लेकिन अब समय बदल गया है और बहुत सारे अपने बच्चे को स्वस्थ जीवन देने के लिए इस कॉर्ड ब्लड को भविष्य में इस्तेमाल के लिए संग्रहित करवा लेते हैं।
शिशु जन्म के बाद इस cord blood के पास 48 घंटे का समय होता है। इसे जन्म के 48 घंटे के अंदर किसी सुरक्षित जगह पर फ्रीज करके रखा जाता है। जिस जगह पर इस ब्लड को रखा जाता है उसे ही Cord Blood Banking या Stem Cell Banking कहा जाता है। कॉर्ड ब्लड बैंकिंग को स्टेम सेल बैंकिंग भी कहा जाता है।
नवजात शिशु के जन्म के बाद cord blood की जांच की जाती है, और इसे फ्रीज करके विशेष जगह पर रखा किया जाता है ताकि भविष्य में चिकित्सकीय जरुरत के हिसाब से इसका इस्तेमाल किया जा सके।
स्टेम सेल्स को सुरक्षित रखने के लिए भी विशेष बैंक होते हैं। विश्व स्तर पर ऐसे बैंकों के लिए मानक तैयार किए गए हैं। इसके cord blood bank बनाए गए हैं- पब्लिक और प्राइवेट।
पब्लिक कॉर्ड ब्लड बैंकिंग क्या होता है? (What Is Public Cord Blood Bank)
पब्लिक कॉर्ड ब्लड बैंक का मतलब होता है जन्म के बाद शिशु के cord blood को माता-पिता के सहमति से तय प्रकिया के अनुसार उसे संभाल कर रखते हैं। जिसे जरूरत पड़ने पर कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति पर उस cord blood का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें माता-पिता का कोई अलग से खर्च नहीं लगता है।
दुनिया के बहुत सारे देशों में public cord blood bank काफी बेहतरीन ढंग से काम कर रहे हैं और इसका बेहतर परिणाम दे रहे हैं, लेकिन भारत में अभी भी इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
प्राइवेट कॉर्ड ब्लड बैंक क्या होता है? (What Is Private Cord Blood Banking)
प्राइवेट कॉर्ड ब्लड बैंक का मतलब होता है कि इसमें कोई भी माता पिता अपनी इच्छा से अपने शिशु का cord blood केवल अपने शिशु की या अपने परिवार की आवश्यकता के लिए सुरक्षित रखवाते हैं। हालांकि ऐसा करने के लिए आपको ही इसके खर्च उठाने पड़ेंगे।
पहले ऐसा करने पर अधिक खर्च लगता था, लेकिन अब बहुत सारी प्राइवेट कम्पनी इसे सस्ता बनाने के लिए कई तरह के योजनाएं ला रही है। ताकि आने वाले समय में इसका इस्तेमाल और अधिक लोग कर सके।
Cord Blood Stem Cells कैसे काम करती है | How Cord Blood Stem Cells Work?
Cord blood का काम करने का तरीका यह होता है कि यदि कोई बीमारी किसी रोगी के खुद के stem cell में कोई बदलाव से हुई है तो ऐसी स्थिति में रोगी के सारे bad cell को निकालकर किसी दूसरे के स्वस्थ सेल का इस्तेमाल किया जाता है।
इस प्रक्रिया में दूसरे का स्वस्थ सेल आपके अंदर धीरे-धीरे बढ़ने लगता है। फिर इन स्वस्थ सेल से बनने वाले सभी सेल पूरी तरह स्वस्थ होंगे। इस प्रकार आपका गंभीर रोग भी बिल्कुल आसानी से पूर्ण रूप से ठीक हो जाता है।
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Cord Blood को कैसे इकट्ठा किया जाता है?
Cord blood को शिशु के जन्म के तुरंत बाद ही किया जाता है। इस प्रकिया में शिशु और माँ को किसी प्रकार की कोई हानि नहीं पहुचती है। इसमें बच्चे के प्रसव में भी कोई दिक्कत नहीं होता है। Cord blood को इकट्ठा करने की पूरी प्रक्रिया दर्दरहित होता है। इसमें माँ और शिशु दोनों को कोई कष्ट का सामना नहीं करना पड़ता है।
Cord blood को इकट्ठा करने के लिए प्रसव के बाद umbilical cord पर एक क्लैंप लगाई जाती है, ताकि काटने के बाद इससे खून बाहर न निकले। आप चाहे तो यह क्लैंप कुछ समय बाद भी लगवा सकते हैं, लेकिन इसके लिए डॉक्टर से सलाह लेनी होगी। क्लैंप लगाने के बाद इसे काट दिया जाता है। इसके बाद गर्भनाल रक्त को एक सिरिंज के द्वारा निकाल दिया जाता है।
इसके बाद जैसे ही खून को सिरिंज के द्वारा बाहर निकाला जाता है, उसे एक विशेष प्रकार के Germ free blood bag में रख लिया जाता है। डॉक्टर इस blood bag को पहले से ही शिशु के जन्म से समय अपने पास रखते हैं।
डॉक्टरों के द्वारा लगभग 60ml से लेकर 150ml तक cord blood को एकत्रित किया जाता है। आपको बता दें कि इस पूरी प्रक्रिया में 10 मिनट दे अधिक समय नहीं लगता है।
रक्त को blood bag में सील करने के बाद डॉक्टर इसे cord blood bank में लेकर जाते हैं, जहाँ इसकी पूरी तरह से जांच की जाती है। यदि खून पूरी तरह से अपने तय मानकों पर खरा उतरता है तो इसे बहुत ही कम तापमान पर रख दिया जाता है। इतने कम तापमान पर रखने का मुख्य वजह ये होता है कि इसमें किसी प्रकार की कोशिकीय गतिविधियां न हो।
Cord Blood लेना कब संभव नहीं होता?
आपने ये तो जान लिया कि cord blood कैसे लिया जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि किन परिस्थितियों में कॉर्ड ब्लड को लेना संभव नहीं होता है। अगर नहीं जानते हैं तो आइए इसके बारे में जान लेना हमारे लिए बेहद आवश्यक है।
● यदि शिशु का जन्म तय समय से पहले हुआ है तो ऐसी स्थिति में cord blood नहीं लिया जा सकता है।
● यदि समय से पहले जुड़वा शिशु का जन्म हुआ हो, क्योंकि उनमें ऐसा हो सकता है कि उनमें पहले से ही खून की कमी हो।
● यदि आपको पहले से HIV अथवा Hepatitis B जैसी बीमारी हो तब भी नहीं लिया जा सकता है।
● गर्भावस्था या प्रसव के दौरान आपके या शिशु में कोई जटिलता उत्पन्न हो जाए।
Cord blood stem cell से कौन से रोगों का उपचार किया जा सकता है?
Cord blood stem cell हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इससे 80 से भी अधिक बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। जिनमें से मुख्य बीमारियों का नाम इस प्रकार है-
कैंसर
स्क्लेरोसिस
अल्जाइमर
सिकल सेल एनीमिया
थैलेसीमिया
एप्लास्टिक एनीमिया
दुर्लभ आनुवांशिक मैटाबॉलिक विकार
ब्लड कैंसर (ल्यूकीमिया और लिम्फोमा)
बोन मैरो फेल्योर
सेरेब्रल पाल्सी और ऑटिज्म
मधुमेह (डायबिटीज)
रीढ़ से जुड़ी चोट
हृदय गति का रुकना
तंत्रिका संबंधी (न्यूरोलॉजिकल) विकार
Top 10 Cord Blood (Stem Cell) Banking Companies In India
1. Life cell International Private Limited, Tamilanadu (Chennai), Gurur gram
2. Regenerative Medical Services Pvt. Ltd. Maharashtra
3. Cryobanks International India Pvt. Ltd. Guru gram
4. Jeevan Stem Cell Foundation, Chennai
5. CryoViva Biotech India Pvt. Ltd. Guru gram
6. Stemcyte India Therapeutics Pvt. Ltd. Gujrat
7. Indu Stem Cell Bank, Gujarat
8. Path Care Labs Pvt. Ltd., Hyderabad
9. The School of Tropical Medicine, Kolkata
10. Reliance Life Sciences Pvt. Ltd., Mumbai
Private Cord Blood Banking Cost In India
भारत में अगर cord blood banking cost के बारे में बात किया जाए तो पहली बार औसतन सालाना 15 से 20 हजार रुपये खर्च आएंगे। इसके बाद 3 से 4 हजार सालाना इसके मेंटनेंस के लिए लग सकता है। लेकिन यदि आप इसे लांग टर्म के लिए लेते हैं तो इससे कम खर्च में भी हो सकता है। Long term में 21 और 75 वर्ष का सबसे बेस्ट ऑप्शन हो सकता है।
Cord Blood से जुड़ी गलतफहमियां
Cord blood को लेकर बहुत सारे लोगों के बीच कई सारी भ्रांतियां फैली हुई है। जैसे Cord blood का इस्तेमाल सिर्फ उसी बच्चे में किया जा सकता है, जिसका ब्लड संरक्षित करके रखा गया हो। जबकि कई सारे डॉक्टरों का ऐसा मानना है कि ऐसा बिल्कुल नहीं है।
Cord blood का इस्तेमाल उस बच्चे को छोड़कर सभी पर किया जा सकता है। एक अध्ययन का अनुसार अगर सभी लोग cord blood को सुरक्षित रखने लगेंगे तो इससे हर साल लाखों लोगों की जाने बचाई जा सकती है।
हमें पूरी उम्मीद है कि आपको cord blood meaning in hindi पूरी तरह समझ में आ गयी होगी। अगर आपको cord blood stem cells और cord blood banking से सम्बंधित कोई दूसरी जानकारी प्राप्त करना हो तो कमेंट बॉक्स में लिखना न भूलियेगा।
FAQ About Umbilical Cord Blood
1. Umbilical Cord (गर्भनाल) क्या होता है?
Ans: जब कोई शिशु जन्म लेता है तो तो आपने उसके नाभि पर एक पतला नली जैसा लंबा नाल देखा होगा। उसी नाल को गर्भनाल या umbilical cord कहा जाता है। इसी गर्भनाल के जरिये गर्भ में शिशु का पोषण होता है।
2. Umbilical cord blood को हिंदी में क्या कहते हैं?
Ans: गर्भनाल रक्त।
3. Cord blood कितने दिनों तक सुरक्षित रह सकता है?
Ans: अगर cord blood को सुरक्षित जगह पर रखा जाए तो इसे दशकों तक रखा जा सकता है। बस इसे रखने के लिए सही नियमों का पालन किया गया हो।
4. क्या cord blood से बुजुर्गों का भी इलाज संभव है?
Ans: जी हां बिल्कुल, cord blood से किसी भी उम्र के लोगों का इलाज किया जा सकता है।
5. Cord blood का इस्तेमाल कहाँ होता है?
Ans: इस कॉर्ड ब्लड का इस्तेमाल 80 से भी अधिक बीमारियों के इलाज में किया जा सकता है। इन बीमारियों में कैंसर, ब्लड डिसऑर्डर, अल्जाइमर, हृदय रोग इत्यादि अनेकों रोगों का इलाज किया जा सकता है।
नोट:- किसी भी तरह के उपचार से पहले डॉक्टर से सुझाव लेना न भूलें।
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