फातिमा शेख का जीवन परिचय, जन्म, लाइफ स्टोरी, विकिपीडिया | Fatima Sheikh (Indian Educator) Biography, Wikipedia, Life Story, Google Doodle
हम अपने देश के ऐसे कई सारे महान आत्माओं को धीरे-धीरे भूलते जा रहे हैं। इन महान हस्तियों को भूलने के साथ-साथ हम समाज के प्रति किये गए उनके सराहनीय कार्यों को भी भूलते जा रहे हैं।
लेकिन दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन गूगल कभी किसी को नहीं भूलता है। अपने देश के समाज सुधार में अहम भूमिका निभाने वाली फातिमा शेख को उनके आज 191वें जन्मदिन पर गूगल ने शानदार डूडल बनाकर उनको सम्मानित किया है।
कौमी एकता की प्रतीक और देश की प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख के नाम से देश के बहुत ही कम लोग परिचित हैं।
गूगल के डूडल बनाने के साथ ही सभी लोग ये जानने के लिए बेचैन हो गए हैं कि आखिर फातिमा शेख कौन थीं जिनके लिए Google ने इतना बड़ा सम्मान दिया है? आइये इस पोस्ट में हम आपको फातिमा शेख की जीवनी से जुड़ी सारी जानकारी विस्तार से बताते हैं।
फातिमा शेख कौन थी (Who Was Fatima Sheikh in Hindi)
Fatima Sheikh Biography |
भारत की महान महिला समाज सुधारक फातिमा शेख का जन्म 9 जनवरी 1831 को पुणे, भारत में हुआ था। घर में वह अपने भाई उस्मान के साथ रहती थी। फातिमा शेख एक भारतीय महिला शिक्षिका (Indian Educator) थी, जो महान समाज सुधारकों ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले की सहयोगी थी।
सावित्रीबाई फुले और फातिमा शेख ने दलित, मुस्लिम महिलाओं और बच्चों के उन समुदायों को पढ़ाया, जिन्हें वर्ग, धर्म या लिंग के आधार पर शिक्षा से वंचित किया गया था। इसी के चलते फातिमा शेख को आधुनिक भारत की पहली महिला मुस्लिम शिक्षक कहा जाता है।
उस समय दलित बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में काफी पिछड़ा देखकर इन्होंने ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले के स्कूल में दलित बच्चों को शिक्षित करने का काम शुरू किया। इनके साथ-साथ ज्योतिबा और सावित्रीबाई फुले ने भी दलित समुदायों के बच्चों के बीच शिक्षा का अलख जगाने का सराहनीय प्रयास किया।
फातिमा शेख और सावित्रीबाई फुले की मुलाकात उस समय हुई थी जब ये दोनों एक अमेरिकी मिशनरी Cynthia Farrar द्वारा संचालित टीचर ट्रेनिंग संस्थान में नामांकित किया गया था। इसके बाद ये दोनों एक दूसरे से काफी करीबी दोस्त बन गयी।
फातिमा शेख के सराहनीय कार्य | Fatima Sheikh Social Work in Hindi
भारतीय महिलाओं की आइकॉन फातिमा शेख को न सिर्फ भारत की पहली शिक्षक माना जाता है बल्कि इनके समाज सुधारक कार्यों के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। फातिमा शेख ने 1848 में स्वदेशी पुस्तकालय की स्थापना की, जो लड़कियों के लिए भारत के पहले स्कूलों में से एक था।
फातिमा शेख ने ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले को उस समय साथ दिया था, जब कुछ कट्टरपंथियों को महिलाओं को शिक्षित करने की इनकी मुहिम पसंद नहीं आयी और इन दोनों को घर से निकाल दिया गया था। तब शेख ने न सिर्फ इन दोनों को अपने घर में रहने के लिए जगह दी, बल्कि लड़कियों की शिक्षा के लिए पुणे में स्कूल खोलने के लिए जगह भी दी।
फातिमा शेख ने सावित्रीबाई फुले के साथ उस समय लड़कियों को पढ़ाने का काम शुरू किया जब शूद्रों से घृणा अपने चरम सीमा पर थी। उस समय शूद्रों को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार प्राप्त नहीं था।
ऐसी विपरीत परिस्थितियों में फातिमा शेख ने न सिर्फ स्कूल में पढ़ाया करती थी, बल्कि हर घर में जाकर लड़कियों को शिक्षा का महत्व समझाती थी और शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित करती थीं। जिसके कारण इनको समाज के कुछ वर्गों का काफी आक्रोश भी झेलना पड़ा। लेकिन फातिमा ने हार नहीं मानी और लगातार अपना काम जारी रखा।
फातिमा बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे ले जाने के लिए दिन रात मेहनत करती थी। इन्होंने सावित्रीबाई फुले के उन सभी पांचों स्कूलों में पढ़ाया था जो फुले ने स्थापित किया था। इन्होंने कभी किसी बच्चे के धर्म-जाति के आधार पर नहीं बांटा, बल्कि हर धर्म के बच्चों को काफी स्नेह से शिक्षित करने का उल्लेखनीय कार्य किया।
इनका कदम सिर्फ सीमित बच्चों तक पढ़ा कर रुकने वाला नहीं था। इन्होंने 1851 में मुंबई में दो और स्कूलों की स्थापना में बखूबी भाग लिया।
फातिमा शेख जैसी देश में कई ऐसी महिलाएं हैं जिन्होंने देश व समाज की बेहतरी के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया। लेकिन सरकार और समाज ने आजतक इनको वो सम्मान नहीं दिया जिनकी वो हकदार थी। लेकिन गूगल कभी किसी के साथ भेदभाव नहीं करता है।
हालांकि भारत सरकार ने 2014 में अन्य अग्रणी भारतीय शिक्षकों के साथ-साथ उर्दू पाठ्यपुस्तकों में उनकी प्रोफ़ाइल को प्रदर्शित करके उनकी उपलब्धियों पर नई रोशनी डाली। इनके कई सारे सराहनीय प्रयास के लिए गूगल ने 9 जनवरी 2022 को उनकी 191वीं जयंती पर डूडल बनाकर सम्मानित किया।
हम सभी को ऐसे महान समाज सेवी आत्माओं को सम्मान करने की जरूरत है, ताकि हमारे देश और समाज में इनके तरह कई सारे लोग बनें।
आप कमेंट करके बताइये कि आपको फातिमा शेख की जीवनी (Fatima Sheikh Biography in hindi) से हम सभी को क्या सीख लेनी चाहिए। साथ ही फातिमा शेख जैसी महान आइकॉन को किस तरह से सम्मानित करने की जरूरत है? कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर दीजियेगा।