रणजीत भाटी (पैरालंपिक) का जीवन परिचय | Ranjeet Bhati Biography

रणजीत भाटी पैरालंपिक का जीवन परिचय | Ranjeet Bhati Javelin Biography, Wiki, Net Worth, Age, Family


अगर हौसले बुलंद हो तो सफलता आपसे दूर हो ही नहीं सकती। इसी कथन को सही कर दिखाया है फरीदाबाद के होनहार लड़के ने। बचपन में रोड एक्सीडेंट में एक पैर गंवा देने के बावजूद अपने सपने को मुश्किलों के आड़े नहीं देने वाले इस बहादुर लड़के ने कुछ ऐसा कर दिखाया जो युवाओं के लिए मिशाल बन गया।


हम बात कर रहे हैं फरीदाबाद के होनहार लड़के रणजीत भाटी की जीवनी के बारे में। मुश्किलों से लड़कर कैसे सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ा जाता है ये कोई रणजीत से सीखें।


इन्होंने न सिर्फ अपने खराब परिस्थितियों से लड़ा बल्कि पैरालंपिक गेम में जेवेलिन थ्रो के फाइनल में पहुँचकर अपनी पहचान कायम की। लेकिन क्या आप जानते हैं रणजीत भाटी कौन है? अगर नहीं जानते हैं तो इस article को पूरा जरूर पढ़ियेगा। यहां आपको रणजीत के जमीन से लेकर आसमान तक पहुँचने की पूरी कहानी मिलेगी।


रणजीत भाटी कौन है? Who Is Ranjeet Bhati In Hindi


रणजीत भाटी हरियाणा के फरीदाबाद जिले के आदर्श नगर गांव के रहने वाले हैं। ये एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। इनका सफर तब शुरू हुआ जब भारतीय क्रिकेट के सबसे मशहूर खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी के जीवन पर आधारित फिल्म एम.एस. धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी' आयी थी।


इस फ़िल्म ने इनके जीवन को बदल दिया। इस फिल्म के देखने के बाद रणजीत ने तुरंत अपनी नौकरी छोड़ खेल में अपना करियर बनाने की तैयारी शुरू कर दिया।


इनके इस मेहनत का फल ही था कि आज न सिर्फ पूरा गांव बल्कि पूरा देश इनके लिए पैरालंपिक में मेडल जीतने की दुआ कर रहा है। लेकिन ये सब कैसे हुआ आइये रणजीत भाटी की पूरी जीवनी के माध्यम से जानते हैं।


रणजीत भाटी पैरालंपिक का जीवन परिचय | Ranjeet Bhati Biography Wikipedia In Hindi


पूरा नाम: रणजीत भाटी
निकनेम: रणजीत
जन्म: 1997
जन्मस्थान/Birthplace: फरीदाबाद, हरियाणा
उम्र/Age: 24 वर्ष
हाइट/Height: 5 फिट 10 इंच
वजन/Weight: 68 किलोग्राम
प्रोफेशन: जेवेलिन थ्रोवर
जाती/Caste: राजपूत
धर्म/Religion: हिन्दू
शिक्षा/Education: स्नातक
राष्ट्रीयता: भारतीय


रणजीत भाटी का परिवार


पिता का नाम: रामबीर सिंह
माता का नाम: माँ वैजंती
भाई का नाम: N/A
बहन का नाम: N/A


रणजीत भाटी पसंदीदा खाना और चीजें


रंग- लाल, नीला, सफेद
खाना- पिज्जा, चॉकलेट और आइसक्रीम
एक्टर- जॉन अब्राहम
एक्ट्रेस- प्रियंका चोपड़ा
छुट्टियों की मनपसंद जगह- हरियाणा और जैसलमेर
शौक- किताबें पढ़ना


रणजीत भाटी जेवेलिन का करियर


रणजीत भाटी किसान परिवार के थे। ऐसे में पैरालंपिक तक पहुँचने में इनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। परिवार को आर्थिक तंगी ने कई बार इनके करियर में बाधा डाला लेकिन रणजीत तो हारने के लिए बने ही नहीं थे। उन्होंने हर मुश्किलों का डंटकर सामना किया।


साल 2012 में यमुना एक्सप्रेसवे पर सड़क दुर्घटना में इन्होंने अपना एक पैर गंवा दिया। करीब तीन साल तक इनका इलाज चला। इलाज के बाद दिल्ली में एक एनजीओ के मदद से स्किल डेवलपमेंट के द्वारा काम सिख रहे थे।


लेकिन इनको इस काम मे जरा भी मन नहीं लगता था। जिसके बाद इन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर खेल से जुड़ने का मन बना लिया।


इसी बीच 2015 में इनकी मुलाकात प्रदीप नाम के लड़के से हुई। प्रदीप ने रणजीत को पैरालंपिक खेलों के बारे में बताया। जिसके बाद तो इनके अंदर मानो आग ही लग गयी।


आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण इनको नेहरू स्टेडियम में ट्रेनिंग छोड़ना पड़ा और पास के ही एक राज्य खेल परिसर में अभ्यास करने लगे। जहाँ इनकी मुलाकात खेल उपनिदेशक गिर्राज सिंह से हुई। इन्होंने रणजीत की काफी मदद की।


इनके जीवन में कभी-कभी ऐसा भी समय आता था, जब रात को खाना खाने के बाद सुबह के खाना के बारे में सोचना पड़ता था। जिसके बाद इन्होंने खेल छोड़ने का निर्णय कर लिया। जब ये बात इनके दोस्त प्रदीप को मालूम हुआ तो उन्होंने दिल्ली पुलिस के कॉन्स्टेबल सत्येंद्र यादव से मुलाकात करवाया।


रणजीत के खेल के प्रति लगाव को देखकर सत्येंद्र काफी प्रभावित हुए और वे रणजीत को आर्थिक सहायता देने के लिए राजी हो गए। जिसके बाद सत्येंद्र हर महीने रणजीत को 30 हजार रुपये महीने देने लगे। ताकि वो अपने खेल पर अच्छे से ध्यान दे सके।


इतना सहयोग मिलने के बाद रणजीत ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक शानदार प्रदर्शन करते हुए भारतीय पैरालंपिक टीम में जगह बनाई।


रणजीत ने अपने बारे में एक इंटरव्यू में बताया था कि उनको पता था कि "उन्हें क्या करना है, उनका लक्ष्य क्या है? लेकिन हम चाहकर भी भगवान के आगे नहीं जीत सकते हैं। हमेशा वहीं होता है जो भगवान चाहता है। एक्सीडेंट में पैर टूटने के बाद जैसे लगा कि मेरे सारे सपने टूट गए। बहुत इलाज के बाद मैं चलने के लिए तैयार हो पाया था लेकिन ठीक से चल नहीं पा रहा था। लेकिन भगवान की मर्जी से आज मैं पैरालंपिक खिलाड़ी बन गया हूँ। मुझे उम्मीद है कि टोक्यो में पदक जरूर जीतूंगा।"


28 अगस्त को जापान के टोक्यो में रणजीत का फाइनल मुकाबला होने वाला है। सभी देशवासियों को उम्मीद है कि रणजीत इस पैरालंपिक में देश के लिए पदक जरूर लाएंगे।


रणजीत भाटी मेडल्स (Award)


1. नेशनल यूनिवर्सिटी पैरा गेम्स- गोल्ड मेडल
2. व्हीलचेयर रग्बी नेशनल टूर्नामेंट- गोल्ड मेडल
3. 5 किमी. आईडीबीआई मैराथन- गोल्ड मेडल
4. हरियाणा स्टेट पैरालंपिक चैंपियनशिप 2018- सिल्वर मेडल
5. 18वें राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप- चौथी पोजीशन


Ranjeet Bhati Net Worth


दोस्तों रणजीत भाटी का नेट वर्थ करीब 40 लाख से अधिक है। इनके पास हुंडई क्रेटा की एक कार है।


हमें उम्मीद है आपको रणजीत भाटी की जीवनी काफी पसंद आया होगा। अगर आपको Ranjeet Bhati Biography In Hindi पसन्द आया हो तो इसे शेयर जरूर करें धन्यवाद।

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