रेसलर रवि कुमार दहिया की जीवनी | Ravi Dahiya Wrestler Wikipedia Biography In Hindi
दोस्तों आज हम भारत के एक ऐसे फ्रीस्टाइल रेसलर के बारे में जानने वाले हैं, जिसने जमीन से उठकर आसमान की बुलंदियों को छुआ है। जिसने दमदार प्रदर्शन से न सिर्फ पूरी दुनिया में अपने नाम का परचम लहराया है, बल्कि ओलंपिक जैसे खेल में भारत का सर गर्व से ऊंचा कर दिया है।
देश के ऐसे होनहार और बहादुर रेसलर का नाम रवि कुमार दहिया है। जिन्होंने बहुत ही कम समय में दुनिया के हर बड़े मंच पर देश का प्रतिनिधित्व किया है।
57 kg वर्ग के 2019 वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इन्होंने न सिर्फ टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया बल्कि देश के लिए ओलंपिक में रजत पदक भी हासिल किया।
लेकिन रवि दहिया के लिए इतना सब हासिल करना इतना भी आसान नहीं था। एक छोटे से गांव से निकलर पूरी दुनिया में अपने नाम का छाप छोड़ने वाले रेसलर रवि कुमार दहिया कौन है? आज ये विषय सबके मन में छाया हुआ है। तो अगर आप भी इनके बारे में नहीं जानते हैं तो आइए रवि कुमार दहिया रेसलर की जीवनी के माध्यम से पूरी विस्तार से जानते हैं।
रवि कुमार दहिया (रेसलर) कौन है? Who Is Ravi Kumar Dahiya Wrestler in Hindi
रवि कुमार दहिया भारत के हरियाणा राज्य के एक छोटे से गांव में जन्में एक फ्रीस्टाइल रेसलर है। जिन्होंने ओलंपिक जैसे खेल में पहले बुल्गारिया के जॉर्जी वैलेंटिनोव को 57 kg वर्ग में 14-4 से हराकर सेमीफाइनल में पहुँचे फिर सेमीफाइनल में कजाकिस्तान के खिलाड़ी को हराकर पूरी दुनिया में अपने नाम का परचम लहराया है।
रवि दहिया से सारे लोग गोल्ड की उम्मीद कर रहे थे फिर भी उन्होंने सिल्वर मेडल जीतकर दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है। रवि विश्व मंच पर भारत को कई सारे मेडल दिलवाये हैं लेकिन उनका सपना हमेशा से ओलंपिक में देश के लिए मेडल लाने का था।
रवि दहिया (रेसलर) का जीवन परिचय | Ravi Kumar Dahiya (Wrestler) Biography In Hindi
Ravi Kumar Dahiya Biography In Hindi |
पूरा नाम- रवि कुमार दहिया
निकनेम- रवि
जन्म- 17 दिसंबर 1997
जन्मस्थान- नाहरी सोनीपत, हरियाणा
होमटाउन- सोनीपत
उम्र/Age- 23 वर्ष
हाइट/Height- 5 फिट 7 इंच (170cm)
वजन/Weight- 57 kg लगभग
धर्म/Religion- हिन्दू
प्रोफेशन- रेसलिंग
नेट वर्थ- N/A
स्पोर्ट- फ्रीस्टाइल रेसलिंग
वेट कैटेगरी- 57 kg
कोच का नाम- सतपाल सिंह
पिता का नाम- राकेश कुमार दहिया
माता का नाम- N/A
राष्ट्रीयता- भारतीय
रवि दहिया का बचपन | Ravi Kumar Dahiya Early Life Story In Hindi
रवि दहिया तो मानो रेसलिंग के लिए ही बने थे। बचपन से ही रेसलिंग के लिए इतना प्यार था कि हरियाणा के सोनीपत जिले के एक छोटे से गांव से निकलर उन्होंने मात्र 10 साल की उम्र में ही कोच सतपाल सिंह के देखरेख में छत्रसाल स्टेडियम में रेसलिंग के अच्छी ट्रेनिंग शुरू कर दी।
परिवार की आर्थिक स्थिति भी उतना मजबूत नहीं था, लेकिन रवि ने तो बस रेसलर बनने का ही ठान लिया था। इसमें इनके पिता का भी पूरा साथ मिला।
पिता राकेश दहिया धान के खेत में काम करते हुए भी लगभग एक दशक तक बेटे के लिए नाहरी गांव से दूध और फल देने के लिए रोज इनके ट्रेनिंग सेंटर जाते थे। जो आमतौर पर रेसलिंग के डाइट प्लान में शामिल होता है। वे रवि को एक दिन देश का प्रतिनिधित्व करते हुए देखना चाहते थे।
पिता के सपने को पूरा करने में रवि ने कोई भी कसर नहीं छोड़ी। वे ट्रेनिंग सेंटर में जी जान से मेहनत करते थे और रेसलिंग की एक-एक बात को बहुत ही बारीकियों से समझते थे। रेसलिंग में उनके जज्बे को देखकर गुरु सतपाल सिंह खासे प्रभावित थे। उनको शुरू में ही लगने लगा था कि ये लड़का एक दिन देश के लिए जरूर खेलेगा।
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रवि कुमार दहिया का प्रोफेशनल करियर | Ravi Kumar Dahiya (Wrestler) Career In Hindi
रवि दहिया पहली बार सुर्खियों में तब आये जब इन्होंने 2015 में मात्र 18 वर्ष की उम्र में 55 kg फ्रीस्टाइल वर्ग के विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था। इससे पहले इनके बारे में कोई जानता तक नहीं था। लेकिन 2017 में इनके करियर पर उस समय खतरा मंडराने लगा जब इनको घुटने के चोट की वजह से लगभग एक साल तक खेल से बाहर रहना पड़ा था।
लेकिन रवि हार मानने वालों में से नहीं थे। दुबारा 2018 में बुकारेस्ट में हुए अंडर-23 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में 57 kg वर्ग में इन्होंने न सिर्फ वापसी की। बल्कि भारत के तरफ से एकमात्र सिल्वर मेडल जीतकर अपने प्रतिभा का जबरदस्त छाप छोड़ी।
इसके बाद दहिया 2019 में हुए प्रो रेसलिंग लीग में हरियाणा हैमर्स के तरफ से खेलते हुए पूरा सीजन अपराजेय रहे और टीम को टूर्नामेंट जितवाने में अहम भूमिका निभाई।
इसी साल 2019 में एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने के बेहद करीब पहुँचकर हार का सामना करने के बाद रैंकिंग में 5वें स्थान पर पहुँचने में कामयाब रहे।
फिर इसके बाद रवि दहिया ने 2019 में विश्व चैंपियनशिप में न सिर्फ पर्दापण किया, बल्कि यूरोपियन चैंपियन आर्सेन हारुत्युनियन को 16 के दौर में हराया और 2017 के विश्व चैंपियन युकी ताकाहाशी को क्वार्टर फाइनल मुकाबले में हराकर 2020 के टोक्यो ओलंपिक में शान से जगह बनाने में कामयाब रहे।
लेकिन सेमीफाइनल मुकाबले में गत चैंपियन ज़ौर उगुएव से हारकर कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा। लेकिन इनके विश्व चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन ने सभी खेल प्रेमियों का ध्यान अपनी तरफ खिंचा।
विश्व चैंपियनशिप में इनके शानदार प्रदर्शन का इनाम भी मिला और पदक के साथ देश लौटते ही 'मिनिस्ट्री ऑफ युथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट्स' टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (TOPS) में शामिल कर लिया गया।
इसके बाद रवि ने भारत के लिए 2020 में नई दिल्ली में आयोजित एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का एक बार फिर से परिचय दिया।
रेसलर रवि कुमार दहिया का ओलंपिक में प्रदर्शन | Ravi Dahiya In Tokyo Olympic 2020
टोक्यो ओलंपिक की जब शुरुआत हुई थी तब से सभी को रवि दहिया पर पदक लाने की उम्मीद थी। इन्होंने सभी के उम्मीदों पर खरा उतरते हुए अभी तक इस टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करके सभी का दिल जीत लिया है।
आपको बता दें कि रवि ने पहले ही प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबले में कोलंबिया के पहलवान टिगरेरोस उरबानो को 13-2 के भारी अंतर से हराकर एकतरफा जीत हासिल की थी। इस शानदार जीत के साथ ही रवि क्वार्टर फाइनल के लिए आसानी से जगह बनाने में कामयाब रहे।
इसके बाद क्वार्टर फाइनल में इनका मुकाबला बुल्गारिया के जीयोर्जी वेंगेलोव से होना था। इस मैच के लिए सभी को बेसब्री से इंतजार था और सभी लोग इनके लिए जीत की दुआ कर रहे थे।
रवि ने भी अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए बुल्गारिया के पहलवान को 14-4 के भारी अंतर से हराकर शान से सेमीफाइनल में जगह बनाई। फिर इसके बाद वो समय आया जिसका देश बेसब्री से इंतजार कर रहा था। रवि दहिया ने वो कर दिखाया जिसने पूरे देश को झूमने पर मजबूर कर दिया।
रवि ने सेमीफाइनल मुकाबले में कजाकिस्तान के खिलाड़ी को जबरदस्त मुकाबले में 9-2 पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए शानदार जीत हासिल कर फाइनल मुकाबले में प्रवेश किया।
रवि ने इस जीत के साथ ही भारत के लिए टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक पक्का कर लिया। भले ही रवि फाइनल में नहीं जीत पाए और उनको गोल्ड मेडल से चूकना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से पूरे देश का दिल जीत लिया।
इनके इस जीत के साथ ही पूरा देश बधाइयां दे रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग, हार्दिक पांड्या इत्यादि सभी ने ट्वीट कर रवि को इस जीत के लिए बधाई दी।
Ravi Kumar Dahiya Medals In International Level
वैसे तो भारतीय पहलवान रवि कुमार ने अपने दृढ़ इच्छाशक्ति से कई सारे से अंतरराष्ट्रीय खेलों में देश को मेडल दिलवाये है, लेकिन आइये उनमें से कुछ प्रमुख उपलब्धियों के बारे में जानते हैं:
1. 2018 में बुखारेस्ट में हुए अंडर-23 विश्व चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता।
2. 2019 में विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीते।
3. नई दिल्ली में 2020 में हुए एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीते।
4. 2021 में रवि दहिया एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल हासिल किए।
5. रवि दहिया ने टोक्यो ओलंपिक 2021 में अपने जीवन का सबसे बड़ा रजत पदक हासिल किया।
तो दोस्तों ये थी रेसलर रवि कुमार दहिया की जीवनी के बारे में सारी जानकारी। उम्मीद है कि आपको Ravi Kumar Dahiya Wrestler Biography In Hindi काफी अच्छी लगी होगी। अगर आपको ये article पसन्द आया हो तो इसे शेयर जरूर करें धन्यवाद।।
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